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आप धनी अगम शक्ति के अद्भुत गुप्त चमत्कार :


आप धनी अगम शक्ति के अद्भुत गुप्त चमत्कार :
१ " सतनाम् की एेसी कार , अधर एक देखौ आकार।  ( सारा बरहमडं सतनाम् पर टिका हुआ है)

२ ओंकार का थम्बा दिया  ( पर कही भी कुछ भी कोई भी खम्बा िदखाई नहीं देता है )

३ हर घट मेरा साईया ( शरीर में ढूँढ़ने पर कहीं नहीं मिलेंगे ) सुरत द्वारा दीदार होगे

४ पिडे  सो बरहमडं ( संसार की सबसे अदभुत ब रहस्यमय  रचना जो सारे बरहमडं में है बह सब कुछँ हमारे शरीर में है)

५ स्वाँस धारना के तुम हौ भेदी  ( स्वाँस तो हम रोज़ हर समय ले रहै है सहज में हम यह भी भूल जाते है कि कौन स्वाँस दे रहा है पर मालिक हमारी स्वाँस में हम क्या सोचेंगे यह भी मालूम है )

६ आप की इच्छा महान सत ( समय से परे अर्थात जो भी इच्छा में आता है बह तुरन्त पलक भी न झपक पाए कम समय में हो जाता )
आप की इच्छा एेसी आई।
हुक्म से एक बन उपाई।।
उस बन मै तुरतै लगी कपासा ।

७ शब्द की डोर फेंकी है ( पर शब्दकी डोर दिखाई नहीं देती है )

८ काल मालिक की ही रचना है (काल हमको रोज़ चबा चबा कर खा रहा है अहंकारी तो बहुत तेज़ी से गरास बन जाता है )

९ जहाँ चौदिस दमकै दामिनी ,रिमझिम वरसै मेह।
कहन सुनन की है ,नही दरसै देह बिदेह।।
( ऐसी अबरणनीय आनन्द हमारे ही धट में हो रहा है हमरी सच्ची चाह पर यह हमको अनुभब हो सकता  है )

१०  ऊँ शब्द सम्पूर्ण अस्तित्व मे गुजायमान है उसको ओंकार कहा है ज्ञान में सत की कार सत री बानी भी कहा है । इस बानी धुन गूँज को सुनने पर रोम रोम पुलकित हो जाता है ब हमारी सुनने की शक्ति कई गुना बड़ जाती है पर इसके लिये बोल की साधना ब हमारा चुप होना आवश्यक है।

यह मरत्यु लोक यहाँ पर हर पल काल का बार चलता ही रहता है

यह मरत्यु लोक यहाँ पर हर पल काल का बार चलता ही रहता है पता नहीं अगला पल होगा या न होगा ।रखने बाले एक सत्त करतार है ।  पल पल की रक्षा मालिक ही कर रहे है । हमारे शरीर मे प्रत्येक रोग के कीटाणु होते है और बह बार करते है परनतु मालिक दाता ने उससे बचाब के लिये हज़ार गुना बेहतर पर्तिरक्षा प्रणाली हर मनुष्य को दे रखी है बग़ैर मालिक की मदद के एक पल भी हम जीवित नहीं रह सकते है मालिक दाता का हर समय हमको याद रखना और धनकारा देना लाज़मी है ।

रूठा बादशाह क्या करै ।
क्या करसी संसार ।।
राखनबारा एक है ।
जिसका यह बिस्तार

कोई भी मनुष्य किस बात को किस प्रकार से समझता है



कोई भी मनुष्य किस बात को किस प्रकार से समझता है,यह उसकी मानसिकता तय करती है।
कोई दूसरों की थाली में से भी छीन कर खाने में अपनी शान समझता है तो कोई अपनी थाली में से दूसरों को निवाले खिला कर संतुष्ट होता है।
सारा खेल संस्कारों,समझ और मानसिकता का ही तो है।
लेकिन एक बात तो तयशुदा है कि छीन कर खाने वालों का कभी पेट नहीं भरता और बाँट कर खाने वाले कभी भी भूखे नहीं रहते

पूनों वाले दिन इन बातों का ख्याल रखैं


पूनों वाले दिन इन बातों का ख्याल रखैं:-
1. जुगत बनाते समय और टहल के समय सिर पर पगड़ी या साफा बांधें।                   
2. सफेद कपड़े पहनै।          
3. माफक दोनों हाथों से बिलिया पकड़ कर सुपवाएं।  
4. प्रसाद मात्रा पढ कर पावैं। 
5. प्रसाद बहुत अदब और गरीबी के साथ पावैं।          
6. प्रसाद पाते समय कोशिश करैं कि ध्यान न भटकै, उंगली होंठ में न छुये, मूँह बन्द कर कै पावैं।                  7. चद्दर बिछने के बाद से चद्दर उठने तक मौन रहैं और सुरत बाबा जी के चरनों मैं रखैं।    
8. प्रसाद पाने के बाद मात्रा पढैं।                             
9.पानी र्सिफ चद्दर उठने के बाद लें।
10.बिलिया को अच्छे से साफ करैं।
पूनों की विधी गत मुक्त के वास्ते है। पूनों का मकसद संगत का भेले होना, ग्यान के जिकर होना और महाप्रसाद का काम होने का है। हमें पूरी तैय्यारी के साथ पूनों में शामिल होने की कोशिश करनी चाहिए। इसकी तैय्यारी एक दिन पहले शुरु करने की कोशिश करनी चाहिए। एक उमंग जगाओ और उस उमंग के साथ अमृत बाणी भाग एक से र्पूणमासी का विचार पूरे परीवार के साथ पढने की कोशिश करनी चाहिए। मालिक दाता तो उस उमंग को देखकर उन सब प्रानियों पर ज्यादा मेहर करते हैं। पूनों का काम समाप्त होने तक जुबान पर कबजा, विचारों में शान्ती और सुरत बाबा जी के चरणों में रखने की कोशिश करनी चाहिए। मालिक सब पै मेहर करैं।
                            
 सतनाम
साध समाज

छोटी सी जिंदगी है

श्री श्री रवि शंकर जी द्वारा रचित एक सुंदर कविता...
🐚🐋🌾
छोटी सी जिंदगी है ,
 हर बात में खुश रहो।
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जो पास में ना हो ,
उनकी आवाज़ में खुश रहो।
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कोई रूठा हो तुमसे ,
 उसके इस अंदाज़ में खुश रहो।
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जो लौट के नही आने वाले है,
 उन लम्हो कि याद में खुश
रहो।
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कल किसने देखा है ,
 अपने आज में खुश रहो।
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खुशियों का इन्तेजार किसलिए ,
 दुसरो कि मुस्कान में
खुश रहो।
::::::::🐚🐋🌾
क्यूँ तड़पते हो हर पल किसी के साथ को ,
 कभी तो अपने
आप में खुश रहो।
:::::::🐚🐋🌾
छोटी सी जिंदगी है ,
हर हाल में खुश रहो।
::::::☺🐚😊🐋😊🌾🌻
सुप्रभात। शुभ दिन।।



Sadh. Suresh Rohat: