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बंदगी के बिना हम मिरतक के समान हैं


बंदगी के बिना हम मिरतक के समान हैं इस संसार में मालिक ने हमें बंदगी के लिए भेजा और हम कर क्या रहे हैं विचार कर देखें  हमें आवागमन से मुक्ति पाने के लिए यह जनम मिला इसे हम यैसे ही न जाने दें और अपने मैं  को त्याग कर सब कुछ मालिक को सोप दे बन्दगी के लिए      विरहम बनाया संसार की चकाचौंध मे हम इस शरीर को सब कुछ समझ रहे अभी समय चेतो तब चेतो  महावरा नहीँ है संगत समार करे

  सतनाम